भारत रक्षा मंच सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोक थाम विधेयक 2011 हिन्दू वोटरों के कंधो पर बैठ कर कांग्रेस एवं यू पी ए पार्टियों ने सभी हिन्दुओ को सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोक थाम विधेयक 2011 में जन्म जात अपराधी घोषित कर दिया है: * हिन्दू जिसके खिलाफ कोई मुसलमान ,ईसाई , अल्पसंख्यक शिकायत करता है तो पुलिस एवं न्यायलय यह मान कर चलेगा की वह हिन्दू ही अपराधी है जब तक वह हिन्दू अपने आपको को निर्दोष नहीं साबित कर देता है [ सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोक थाम विधेयक 2011 धारा 70,71 एवं 73]. शिकायत कर्ता अल्पसंख्यक की मरजी का वकील ही सरकारी वकील का कार्य करेगा [धारा 83(6)]. *हिन्दू जिसके खिलाफ शिकायत है उसको बिना कोई जाँच किये ही तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजने के लिए पुलिस बाध्य होगी क्योकि उस हिन्दू की जमानत केवल कोर्ट से ही हो सकती है [धारा 56]. परन्तु उन्ही अपराधों के लिये अल्पसंख्यको को जमानत थाने पर ही मिल जाएगी . *इस काले कानून का प्रयोग केवल अल्पसंख्यक लोग ही हिन्दुओ के विरुद्ध कर सकते है . एक ही तरह के आरोपों में हिन्दुओ को इस विधेयक में अधिक अवधि का जेल और अल्पसंख्यको को कम अवधि का जेल मिलेगा . *हिन्दू को शिकायतकर्ता अल्पसंख्यक का नाम पता नहीं बताया जायेगा [धारा 38] लेकिन शिकायतकर्ता को पुलिस हर तीसरे दिन केस प्रगति रिपोर्ट देगी। *शिकायतकर्ता अल्पसंख्यक को अपनी शिकायत के समर्थन में कोई और साक्ष्य देने की आवश्यकता नहीं है [धारा 70, 71 एवं 72] केवल शिकायत पत्र ही हिन्दू को जेल भेजने के लिए काफी है *कोई हिन्दू जो किसी अल्पसंख्यक के साथ कोई व्यापार , लेंन –देन नहीं करना चाहे उस हिन्दू को अल्पसंख्यक की शिकायत पर तुरंत गिरफ्तार कर जेल में ठूस दिया जायेगा [धारा 3.ऍफ़ आइ ]. इस काले कानून का उपयोग करके कोई भी अल्पसंख्यक हिन्दू से उसका जर , जोरू [ महिलाये ] एवं जमीन छीन सकता है जैसे पाकिस्तान एवं बांग्लादेश में छिनी जा रही है . *कोई भी अल्पसंख्यक हिन्दुओ के खिलाफ़ झूठा केस करने या झूठा गवाही देने पर भी दण्डित नहीं किया जा सकता है [धारा 40]. * यह विधेयक सभी हिन्दुओ के [चाहे वे भारत में रहते हो या विदेशों में] मानव अधिकारों का हनन करता है। इस विधेयक के कानून बन जाते ही विदेशी लोग भी सभी हिन्दुओ को जन्म से ही अपराधी समझने लगेगे . भारत में किसी भी हालत में किसी भी हिन्दू को किसी भी अल्पसंख्यक से कम सुबिधा एवं कम स्टेटस नहीं मिलना चाहिए और ऐसे सभी कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाये कानून जिसमे हिन्दुओ को अल्पसंख्यको की तुलना में कम सुबिधा , कम स्टेटस है उन सभी कांग्रेसी कानूनों को मतपत्रो के आधार पर निरस्त्र किया जायेगा .यह भारत रक्षा मंच की दृढ़ प्रतिज्ञा है . ओम प्रकाश गुप्त , भारतीय विदेश सेवा [1971,सेवा नि ] राष्ट्रीय अध्यक्ष ,भारत रक्षा मंच ********************************************************************************************************************************************************************************** सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोक थाम विधेयक 2011 कांग्रेस एवं अन्य यू पी ए पार्टियों ने सभी हिन्दुओं को जन्म से अपराधी घोषित करने वाला यह विधेयक बनाया है कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गाँधी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् ने सांप्रदायिक और लक्षित हिंसा रोक थाम विधेयक 2011 तैयार किया है जिसे डॉ मन मोहन सिंह मंत्रिमडल ने स्वीकार कर लिया है और संसद के सामने रखने की तैयारी में है .सोनिया गाँधी का जन्म इटली में एक रोमन कैथोलिक ईसाई परिवार में हुआ था और डॉ मनमोहन सिंह का जन्म स्थान पाकिस्तान में है जो सिख है। ये दोनों अल्पसंख्यक नेता मिल जुल कर अपने अपने अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक हिन्दुओ पर कानूनन हावी करने की जी तोड़ मेहनत कर रहे है। यह विधेयक कांग्रेस की इसी हिन्दू विरोधी नीतियों का सबूत है . 2. यह विधेयक राष्ट्र विरोधी है क्योंकि यह जनता के विभिन्न वर्गों के बीच सामाजिक रिश्तों [सोशल हारमनी ]को और नष्ट कर देगा एवं अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदायों के बीच दूरियाँ ओर बढ़ा देगा. इस विधेयक में कहा गया है कि हिन्दू उन सभी आरोपों का अपराधी माना जायेगा जो कोई भी अल्पसंख्यक [चाहे वह बंगलादेशी धुसपैठी या पाकिस्तानी जिहादी हो ] लगाता है . अतः यह विधेयक हिन्दू विरोधी है .यह बिल सभी हिन्दुओं के मानव अधिकारों का हनन करता है चाहे वो भारत में रहते हो या विदेशों में . 3. सोनिया गाँधी का जन्म का वास्तविक नाम एड्वोगे अंटोनियो अलबीना माइनो है . वह जन्म से इतालियन नागरिक रही परन्तु अब दावा करती है कि वह कानूनन भारतीय नागरिक बन गयी है . कुछ भारतीय [डॉ स्वामी, अध्यक्ष जनता पार्टी ] इस दावे को सही नहीं मानते है .चूकि राहुल गाँधी के जन्म के समय सोनिया गाँधी केवल इतालियन नागरिक थी अतः राहुल के पास इतालियन राष्ट्रीयता विरासतन है .राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् जिसने यह विधेयक तैयार किया हिन्दू विरोधियों का जमावड़ा है। 4.भारत के अपराधिक दण्ड संहिता [क्रिमिनल लॉ ] का मूलभूत सिद्धांत है की सभी लोग निर्दोष है जब तक की अपराध कोर्ट में साबित न हो जाये परन्तु इस विधेयक में हिन्दुओ को नीचा करने के लिए इस मूलभूत सिद्धांत को उलट दिया गया है। इस विधेयक में यह कहा गया है की कोर्ट एवं पुलिस शुरू से यह मान कर चलेगा की हिन्दू ही अपराधी है जब तक वह हिन्दू कोर्ट में अपने आपको निर्दोष न साबित कर देवे।अतः स्वतंत्र भारत के इतिहास में हिन्दू वोटरों के कन्धों पर बैठ कर अल्पसंख्यक नेताओं एवं जयचंदी हिन्दू नेताओं ने बहुसंख्यक हिन्दुओं को ही तार्जेट निशाना बनाते हुए अपराधी घोषित कर दिया [ गिल्टी टिल प्रोवेन इनोसेंट ].यह विधेयक उन हिन्दू वोटरों के चेहरों पर करारा सेक्युलरी जयचंदी तमाचा है जो कांग्रेस एवं अन्य सेक्युलरी पार्टियों को आंख मूद कर वोट देते है क्योकि वे हिन्दू भी इस काले विधेयक के अंतर्गत मुसलमानों , ईसाइयो के झूठे शिकायत पर बिना प्रथिमिकी जाँच के ही जेलों में ठूस दिए जायेगे। 5.इस विधेयक के बनाने वालों का दावा है की बहुत से जाँच आयोगों एवं सरकारी कागजातों से पता चलता है की राज्यतंत्रों में अल्पसंख्यको के विरुद्ध एक संस्थागत दुराग्रह [ इन्स्तित्युशनल बायस अगेन्स्ट माइनॉरिटीज ] है परन्तु सर्वोच्च न्यायालय की पीठ [दलवीर भंडारी ,ठाकुर एवं दीपक मिश्रा ]ने सर्वसम्मति से इस संस्थागत दुराग्रह को दिसम्बर 15, 2011 को ख़ारिज कर दिया [अपराधिक अपील 1068/2006]। अतः यह विधेयक सर्वोच्च न्यायलय के निर्णय के विरुद्ध है। 6. बिना किसी प्रथिमिकी जाँच के ही हिन्दू चाहे वह मार्क्सवादी हो या दक्षिणपंथी हो ,चाहे अगड़ी या पिछड़ी जाति का हिन्दू हो , चाहे अमीर या गरीब हिन्दू हो किसी भी अल्पसंख्यक की शिकायत पर ,चाहे कितनी भी झूठी शिकायत हो तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा क्योकि इस विधेयक में सभी अपराध नान बेलेबुल एवं कोग्निज़ेबुल है [ धारा 56]. 7.यह विधेयक सोनिया गाँधी और कांग्रेस पार्टी की एक और गलत धारणा पर आधारित है की सांप्रदायिक दंगे हमेशा केवल हिन्दू ही शुरू करते है और अल्पसंख्यक सांप्रदायिक दंगे कभी भी शुरू नहीं करते है। एक मुस्लिम लेखिका जैनब बनो ने अपनी किताब दी पॉलिटिक्स ऑफ़ कम्युनालिस्म में लिखा है की पिछले 60 सालों में75% दंगो की शुरुआत मुसलमानों ने की थी। धारा 9 में केवल अल्पसंख्यको के विरुद्ध हुई हिंसा को ही इस विधेयक में अपराध माना गया है। अगर अल्पसंख्यक लोग कांग्रेसी हिन्दुओं के विरुद्ध हिंसा करे तो भी इस विधेयक के अंतर्गत केवल कांग्रेसी हिन्दू ही गिरफ्तार हो कर सीधे जेल जायेगा। 8. इंडियन इंस्टीटूट ऑफ़ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट के निर्देशक अरविंदम चौधुरी ने लिखा” भारत में ऐसे बहुत शहर मोहल्ले है जिसमे मुसलमानों एवं इसाईयों की संख्या हिन्दुओ से अधिक है।मान लीजिये ऐसे दो शहरों में दंगे होते है जिनमे एक शहर में हिन्दू अधिक है और दूसरे शहर में मुसलमान अधिक है तो दोनों शहरों में पुलिस केवल हिन्दुओं को ही इस विधेयक में गिरफ्तार करेगी क्योकि चालाकी पूर्वक सोनिया गाँधी ने मुसलमानों , ईसाईयों एवं अल्पसंख्यको को इस नए कानून की परिधि से बाहर रखा है। जहाँ हिन्दू पिटेगा वहा भी केवल हिन्दू ही गिरफ्तार होगा। 9. धारा 3(के) में पीड़ित की व्याख्या में लिखा है कि इस विधेयक में पीड़ित केवल अल्पसंख्यक ही माना जायेगा और पीड़ित की परिभाषा में रिश्तेदार ,पत्नी ,क़ानूनी अभिवाहक एवं